कर्मचारी से अधिकारी में चयन से संबन्धित परीक्षा उतीर्ण करने हेतु कुछ उपयोगी सुझाव
प्रिय मित्रों,
नमस्कार,
पिछले कुछ महीनों से हम सभी इस ब्लॉग के माध्यम से एक
दूसरे से रूबरू हुये हैं, पठन-पाठन के क्षेत्र में एक
दूसरे की हर संभव मदद सुनिश्चित करते हुए अपने-अपने कैरियर को सँवारने की दिशा में
गतिमान हैं । साथियों जिस घड़ी का आप सभी को बेसब्री से इंतजार है वो घड़ी निकट
भविष्य में दस्तक देने वाली है...कहने का तात्पर्य है कि परीक्षा की तिथि
सी.आई.एल. प्रबंधन द्वारा कभी भी घोषित की जा सकती है । मुझे मालूम है आप सभी
अपनी-अपनी योग्यता एवं क्षमता के अनुसार पढ़ाई रूपी तपस्या में लीन हैं....रहना भी
चाहिए क्योंकि मनुष्य जीवन में किसी अच्छी चीज के लिए अवसर बार-बार नहीं मिलता है
और जिन्हे मिलता है वो खुशनसीब होते हैं, उनके ऊपर भगवान की
विशेष कृपा होती है । तो आप सभी के ऊपर विशेष कृपा हो चुकी है क्योंकि आप सभी को
एक ऐसा अवसर मिला है जो आपकी ही नहीं आपके परिवार की भी दुनिया बादल सकता है, आपको फर्श से अर्श तक लेकर जा सकता है....जरूरत है सिर्फ ईमानदारी एवं
लगन के साथ लक्ष्य की ओर अग्रसर होने की......लक्ष्य है “हर हाल में परीक्षा
उतीर्ण करना” । मित्रों, आप सभी में आपार क्षमताएं एवं
योग्यताएँ हैं.....मैं जनता हूँ....... उन्ही क्षमताओं और योग्यताओं से अभिभूत आप
सभी सफल होने की भूख पैदा कर कथित लक्ष्य की ओर बढ़ें.........लक्ष्य भेदन
करें.....और ऐसे करें की दुनिया आपको देखती रह जाए.....और कहे की क्या यह वही
इंसान है जो आज से पहले हुआ करता था । आपके परिवार की, आपके
मित्रों की, आपके गुरुजनों की, आपके
परिजनों की यहाँ तक की आप जिससे कभी ना मिलें हों उनकी भी निगाहें आप सभी पर टिकी
हुई हैं.....उन सभी के खुशियों की बागडोर आपके हाथ में है......तो क्यों ना उन्हे
उदाहरण सेट करते हुए दिखाएँ कि आप क्या कर सकते है । स्वामी विवेकानंद जी ने कहा
था “जब जाग जाओ तब सवेरा”,.........साथियों ब्रह्म मुहूर्त
चल रहा है............सवेरा होने को है..............वह सवेरा जिसका सपना कोल
इंडिया के अनेकों कर्मचारीगण देखते हैं.........अधिकारी बनने का
सपना............बेहतर कैरियर का सपना...........परंतु मौका आप सभी को मिला
है.............इसे यूँ ही व्यर्थ ना जाने दें । अपने कैरियर को वह आयाम दें जहाँ
से आप सभी अपने बच्चों को, मित्रजनों को, परिजनों को यह गर्व के साथ कह सकें कि “I used to burn the
Midnight oil, while they were sleeping”, अर्थात जब वो सो रहे थे, मैं अर्धरात्रि दिया जलाया करता था”………….. मतलब
आप सभी समझ गए होंगे ।
साथियों
मैं यह सब क्यों कह रहा हूँ.....आप सोचते होंगे............इसलिए कि आज आप जिस दौर
से गुजर रहे है...कभी मैं भी उसी दौर से गुजरा हूँ.............और इस परिस्थिति को
अच्छे से जनता हूँ समझता हूँ..........इसलिए कोशिश कर रहा हूँ कि आप सभी की राह
थोड़ी आसान कर दूँ..........क्योंकि जो मैंने झेला है वो आपको ना झेलना पड़े ।
अस्तु, आप सभी के लिए यहाँ कुछ छोटी-छोटी युक्तियाँ उजागर करता हूँ जो आपकी
लक्ष्य प्राप्ति में सहायक सिद्ध होंगी......यदि आपको ये बातें पसंद आय तो अमल
हेतु रख लीजिएगा अन्यथा मुझे वापस कर दीजिएगा......
1. सर्व-प्रथम
लक्ष्य के प्रति सावधान हो जाइए.............मतलब कोई कोताही नहीं......लक्ष्य को
हल्के में ना लें.........यह लोहे की वह दीवार है जिसे आपको ढाहनी है ........तो
आपको भी लोहा बनकर लोहे जैसा व्यवहार करना होगा.....यानि सब भूल जाइए...........बस
पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित रहे.....अन्य चीजों के लिए जीवन में दुबारा मौका शायद मिल
भी जाएगा........परंतु इसके लिए नहीं मिलेगा । । यदि मनुष्य ठान ले तो कोई भी
लक्ष्य बड़ा नहीं होता......विश्वास कीजिये ।
2. हमेशा
लिख कर पढ़ने का अभ्यास करें............जो भी अपने आज पढ़ा है उसे रात में या सुबह
के समय एक नोट बूक पर अपने शब्दों में लिख डालिए..................इसके दो फायदे
हैं...... एक तो अपने जो पढ़ा उसका नोट तैयार होता चला जाएगा जो रिवीजन के समय काम
आएगा ....और दूसरा पढ़कर लिखने से लिखी गयी बात लंबे समय तक आपके दिमाग में बनी
रहती है ।
3. ग्रुप-डिस्कशन
हमेशा से एक सशक्त माध्यम रहा है किसी परीक्षा की तैयारी में..............अतः आप
सभी ग्रुप-डिस्कशन के माध्यम से ही तैयारी करें................जीतने भी आप सभी के
आस-पास में परीक्षा देनेवाले लोग हैं....सबसे दोस्ती करें और एक ग्रुप बनाएँ । जो
भी आप पढ़ रहे हैं दैनिक रूप से जब भी समय मिले ग्रुप में डिस्कस करें इससे उस विषय
का विश्लेषण भी हो जाएगा और डिस्कशन सुनने से आपको याद भी जल्दी हो जाएगा आपका
कान्सैप्ट स्पष्ट होता जाएगा और आप
साक्षात्कार के लिए भी तैयार होते चले जाएंगे ।
4. जो
भी पढ़ें सटीक पढ़ें............किसी विषय पर शंका होनेपर अपने वरिष्ठ
अधिकारियों/जानकारों से अथवा ऑनलाइन माध्यम से संपर्क कर शंका को दूर अवश्य कर लें
और लंबे समय तक संदर्भ हेतु उसे नोट भी करें ।
5. रूटीन
बनाकर पढ़ाई करें ...........यानि निश्चित कर लें कि पहले 10 दिन केवल अधिनियमों (Acts) कि पढ़ाई पधनी है तो वही पढ़ें.........इससे पाठ्यक्रमों और विषयों की
खिचड़ी नहीं बनेगी और आपकी तैयारी व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ेगी ।
6. परीक्षा
की तिथि से पूर्व परीक्षा हेतु दिया गया पाठ्यक्रम यदि पूर्ण नहीं भी होता है तो
धैर्य ना खोएँ...........आपने जितना पढ़ा है वही काफी है उसी पर फोकस करें ।
7. जो
आप जानते हैं या जो आपने पढ़ा है उसे कभी भी दूसरे साथियों को बताने में संकोच ना
करें.........इससे आपके द्वारा पढे हुए विषय का रिवीजन होता है...........आपकी व्यक्त
करने की शैली का विकाश होता है साथ ही जानकारी लेनेवाला/सुननेवाला आपका कृतज्ञ
होता है ।
8. अधिनियमों
की तैयारी करते समय यह ध्यान रखें कि परीक्षा में प्रश्न आपका कान्सैप्ट स्पष्ट है
कि नहीं इसे ध्यान में रखकर पूछे जाएंगे, अतः बहुत
ज्यादा विस्तार में जाकर पढ़ने के बजाय मुख्य प्रावधानों/धाराओं पर अपना ध्यान
लगाये और जो जरूरी एवं आवश्यक हैं उन्ही को पढ़ा जाए । विस्तार से पढ़ने के लिए पूरा
कैरियर एवं पूरी जिंदगी पड़ी है ।
9. मानव
संसाधन प्रबंधन (HRM) पर ज्यादा ध्यान देने की
आवश्यकता है क्योंकि ज़्यादातर प्रश्न इसी विषय से रहेंगे । HRM की तैयारी के लिए यह ध्यान रखें की यह व्यापक क्षेत्र है जहाँ से अनगिनत
प्रश्न बन सकते हैं......अतः आप की तैयारी कैसे हो.........आप जो भी चैप्टर पढ़ें
हैं या पढ़ रहें है उस चैप्टर की मुख्य बिन्दुओं को, जो आपको
लगता है कि परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, उसे
नोट कर लें और उसे अच्छे से समझ लें । इस तरह से आपके पास उस विशेष चैप्टर का
सार/सारांस उपलब्ध रहेगा । फिर उस चैप्टर विशेष से संबन्धित कुछ MCQ हल करने का प्रयास करें (ऑनलाइन अनगिनत MCQ उपलब्ध
हैं) । धीरे धीरे आपकी तैयारी अच्छी होती
चली जाएगी ।
10. प्रतिस्पर्धा
के साथ पढ़ाई करें............यानि यदि आपका मित्र दिन में 4 घंटे पढ़ रहा है तो आप
ठान लें कि आप 5 या 6 घंटे पढ़ाई करेंगे तो आपका मित्र भी प्रतिस्पर्धा करेगा और इस
तरह आप सभी बेहतरी की ओर बढ़ते चले जाएंगे ।
बस यही अभिव्यक्त करना था मुझे..........बाकी आप सभी समझदार
और जिम्मेदार हैं.........आपके लिए क्या बेहतर होगा भली-भाँति समझ सकते हैं.....और
अमल में ला सकते हैं । तो बस लग जाइए, अभी नहीं तो कभी नहीं के तर्ज पर अपना 100 प्रतिशत दीजिये और तब तक मत रुकिए जब तक आपको पक्का विश्वास ना हो
जाए कि आपका भी नाम उस सूची में अंकित होनेवाला है जो निकट भविष्य में छपने वाली है......और
बहुत सारे कर्मियों के भाग्य और जीवन को बदलने वाली है ।
“आप से ही होगा.........आप कर सकते हैं”
आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना सहित...............................
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